ॐ श्री ब्रह्मानंदाय नमः
1.यदि बिल्ली अपका रास्ता काट जाए तो ये कोई अपशकुन नहीं है बल्कि अंधविश्वास है क्योंकि बिल्ली एक जीवित प्राणी है जो चलती फिरती भागती दौड़ती है, हो सकता है वो कहीं जा रही हो।
1.यदि बिल्ली अपका रास्ता काट जाए तो ये कोई अपशकुन नहीं है बल्कि अंधविश्वास है क्योंकि बिल्ली एक जीवित प्राणी है जो चलती फिरती भागती दौड़ती है, हो सकता है वो कहीं जा रही हो।
2. यदि छत पर कौआ चिल्ला रहा है,तो वो हमारा पितर नहीं है,वो जीवित प्राणी है,हो सकता है उसे भूख प्यास लगी हो। यदि हम उसे पितर मानते हैं तो यह अंधविश्वास है।
3. हम किसी को पार्टी/ भोज आदि तब खिलाना पसंद करते हैं जब हमें कोई खुशी मिली हो। किसी परिजन की मृत्यु पर घोर दुःख में संतृप्त परिवार द्वारा मृत्यु भोज दिवंगत आत्मा के प्रति असंवेदना एवं पाखंड को दर्शाता है।
ऐसे ही अनेक अंधविश्वास, पाखंड, सामाजिक कुरीतियां समाज में व्याप्त हैं, जो किसी भी समाज की प्रगति में बाधक हैं। जो समाज अपने आसपास विद्यमान इन बाधाओं को हटा देता है,वह शिक्षित, समर्थ एवं सशक्त समाज बन जाता है।
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