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विदेश जा कर पढ़ाई करना आजकल आम बात हो गयी है लेकिन अभी भी गॉव-देहात के युवा ऐसी हिम्मत नहीं जुटा पाते है। यहाँ तक की उनके लिए ऐसा सोचना भी मुश्किल होता है। शायद उन्हें इस बारे में ठीक से जानकारी नहीं हो पाती है या फिर उचित मार्गदर्शन की कमी रहती है। और वो इसको बहुत ही बड़ा या कठिन काम समझ लेते है। कई बार तो ये भी देखने को आया है कि ऐसे छात्र जो आर्थिक रूप से मजबूत होने के बाबजूद भी विदेश तो बड़ी बात लेकिन देश के दूसरे कोने में भी जा कर पढ़ाई नहीं करना चाहते है। अगर उन्हें आसपास में दाखिला मिल गया तो ठीक, नहीं तो पढ़ाई ही छोड़ देते है और कई बार मनपसन्द विषय न मिलने पर दूसरा विषय ले लेते है किन्तु दूर जा कर पढ़ाई नहीं करना चाहते।
क्या सच में इतना कठिन होता है देश के दूसरे कोने या फिर विदेश जा कर पढ़ाई करना। घर से दूर न जाने का सबसे बड़ा कारण भावनात्मक बंधन व खुद का कम्फर्ट जोन हो सकता है। हालांकि समस्याएं तो अन्य बहुत सारी हो सकती है किन्तु अब ये जरुरी हो गया है कि भावनात्मक बंधन व खुद के कम्फर्ट जोन को तोडा जाये, समस्याओं से लड़कर विदेश जाकर पढ़ाई करनी चाहिए। विदेशों में अध्ययन करने के कई शानदार फायदे हो सकते हैं जिससे आपको अपने सामाजिक जीवन को बेहतर बनाने के साथ-साथ अच्छी नौकरी मिलने के अवसर बढ़ जाते है और साथ ही भावनात्मक रूप से भी मजबूती मिलती है, साहसिक कार्य करने की क्षमता बढ़ जाती है, रूढ़िवादीता, अंधविस्वास जैसे कुरीतिओ का सही-सही आकलन करने की सोच विकसित होती है। अतः पढ़ाई के साथ साथ बहुत कुछ नया सीखा जा सकता है।
विदेश में अध्ययन करने का विचार पहली बार में निःसंदेह कठिन लग सकता है और अगर आप भावुकता इत्यादि से उबर कर विदेश जाने को तैयार है। तब न जाने और कितने ख्याल दिमाग में आने लगते है जैसे की वहाँ का खानपान कैसा होगा, लोग कैसे होंगे, सुरक्षित तो होगा या नहीं, रहने को घर कैसा होगा इत्यादि-इत्यादी। यह नर्वस और उत्साहित दोनों की अनुभूति करवाता है। जैसे ही आप मेजबान देश की धरती पर पैर रखते है आप को अहसास हो जाता है कि चिंता की कोई बात नहीं है। यही से आप के आत्मिश्वास का बढ़ना शुरू हो जाता है क्योकि यहाँ आप के घरवाले व दोस्त आदि का सहयोग मिलना बंद हो जाता है और जो करना है आप को ही करना है।
विदेश में पढ़ने की पूरी अवधि का अनुभव एक बहुत बड़ा आत्मविश्वास बढ़ाने वाला होता है क्योकि हर दिन आप को कोई न कोई चुनौती का सामना करना पड़ेगा चाहे वो पढाई को लेकर हो या फिर खानपान या दूसरे संस्कृति के दोस्त बनाना, पर्यावरण में ढलना, और आप हर इन समस्या का मुकाबला करने में सक्षम होते चले जायेंगे। अगर आप ऐसे देश में पढ़ने जा रहे है जहा की भाषा आप की भाषा से अलग तो ये आप के संचार व वार्तालाप की क्षमता को भी निखारेगा। धीरे-धीरे आप विपरीत परिस्थितियों का मुकाबला आसानी से करने में दक्ष हो जायेगे।
पढ़ाई के साथ साथ आप उस देश के अतुलनीय संस्कृति, रीति-रिवाज, रहन-सहन को नजदीकी से देख व जान सकेंगे। जो आप की सोच को और भी विश्लेषक बनाने में मदद करेगा। साथ ही मेजबान देश के प्राकृतिक सौंदर्य, रमणीय-स्थल, सुंदर पहाड़, नदी व झरने आदि को बारीकी से देखने का अवसर मिलेगा।
विदेशों में अध्ययन करने से अन्य देशों से आये छात्रों से दोस्ती के अवसर बढ़ जाते है और कई अन्य देशो के बारे में विस्तरत जानकारी के साथ साथ नए व्यंजनों की खोज करने के लिए अवसर बढ़ जाते है। वही इंटरनेशनल नेटवर्क बन जाता है जो आप को प्रोफेशनल जीवन में सहायता करता है और भविष्य में साथ-साथ काम करने के अवसर बने रहते है।
जब आप विदेश से अपनी शिक्षा पूरी करके वापस लौटते हैं, तो आप संस्कृति, भाषा कौशल, शिक्षा और सीखने की इच्छा के साथ नये दृष्टिकोण से वापस आते है। जो आप को बेहतर रोजकर का अवसर प्रदान करवाता है। अतः अपने कम्फर्ट जोन से निकले और विदेश से कोई न कोई कोर्स जरूर करे। आजकल दुनिया के बहुत सारे विश्वविद्यालय व सरकार पढ़ने के लिए सहायता प्रदान करती है, स्कॉलरशिप देते है। ऐसे ही किसी मौक़े का फायदा उठाये और पढ़ने के साथ-साथ दुनिया की संस्कृति व ख़ूबसूरती को देखने का अवसर पाये।
वेबसाइट पर जा कर और भी ऐसे मोटिवेशनल आलेख पढ़ सकते है । विजिट 👉sciencoholic.com
Thanks a lot 💐
Best regards,
Dr Vishnu Rajput
M.Sc. Ag, PhD, PDF,
Southern Federal University,
Russia
E-mail:rvishnu@sfedu.ru
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विदेश जा कर पढ़ाई करना आजकल आम बात हो गयी है लेकिन अभी भी गॉव-देहात के युवा ऐसी हिम्मत नहीं जुटा पाते है। यहाँ तक की उनके लिए ऐसा सोचना भी मुश्किल होता है। शायद उन्हें इस बारे में ठीक से जानकारी नहीं हो पाती है या फिर उचित मार्गदर्शन की कमी रहती है। और वो इसको बहुत ही बड़ा या कठिन काम समझ लेते है। कई बार तो ये भी देखने को आया है कि ऐसे छात्र जो आर्थिक रूप से मजबूत होने के बाबजूद भी विदेश तो बड़ी बात लेकिन देश के दूसरे कोने में भी जा कर पढ़ाई नहीं करना चाहते है। अगर उन्हें आसपास में दाखिला मिल गया तो ठीक, नहीं तो पढ़ाई ही छोड़ देते है और कई बार मनपसन्द विषय न मिलने पर दूसरा विषय ले लेते है किन्तु दूर जा कर पढ़ाई नहीं करना चाहते।
क्या सच में इतना कठिन होता है देश के दूसरे कोने या फिर विदेश जा कर पढ़ाई करना। घर से दूर न जाने का सबसे बड़ा कारण भावनात्मक बंधन व खुद का कम्फर्ट जोन हो सकता है। हालांकि समस्याएं तो अन्य बहुत सारी हो सकती है किन्तु अब ये जरुरी हो गया है कि भावनात्मक बंधन व खुद के कम्फर्ट जोन को तोडा जाये, समस्याओं से लड़कर विदेश जाकर पढ़ाई करनी चाहिए। विदेशों में अध्ययन करने के कई शानदार फायदे हो सकते हैं जिससे आपको अपने सामाजिक जीवन को बेहतर बनाने के साथ-साथ अच्छी नौकरी मिलने के अवसर बढ़ जाते है और साथ ही भावनात्मक रूप से भी मजबूती मिलती है, साहसिक कार्य करने की क्षमता बढ़ जाती है, रूढ़िवादीता, अंधविस्वास जैसे कुरीतिओ का सही-सही आकलन करने की सोच विकसित होती है। अतः पढ़ाई के साथ साथ बहुत कुछ नया सीखा जा सकता है।
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विदेश में पढ़ने की पूरी अवधि का अनुभव एक बहुत बड़ा आत्मविश्वास बढ़ाने वाला होता है क्योकि हर दिन आप को कोई न कोई चुनौती का सामना करना पड़ेगा चाहे वो पढाई को लेकर हो या फिर खानपान या दूसरे संस्कृति के दोस्त बनाना, पर्यावरण में ढलना, और आप हर इन समस्या का मुकाबला करने में सक्षम होते चले जायेंगे। अगर आप ऐसे देश में पढ़ने जा रहे है जहा की भाषा आप की भाषा से अलग तो ये आप के संचार व वार्तालाप की क्षमता को भी निखारेगा। धीरे-धीरे आप विपरीत परिस्थितियों का मुकाबला आसानी से करने में दक्ष हो जायेगे।
पढ़ाई के साथ साथ आप उस देश के अतुलनीय संस्कृति, रीति-रिवाज, रहन-सहन को नजदीकी से देख व जान सकेंगे। जो आप की सोच को और भी विश्लेषक बनाने में मदद करेगा। साथ ही मेजबान देश के प्राकृतिक सौंदर्य, रमणीय-स्थल, सुंदर पहाड़, नदी व झरने आदि को बारीकी से देखने का अवसर मिलेगा।
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जब आप विदेश से अपनी शिक्षा पूरी करके वापस लौटते हैं, तो आप संस्कृति, भाषा कौशल, शिक्षा और सीखने की इच्छा के साथ नये दृष्टिकोण से वापस आते है। जो आप को बेहतर रोजकर का अवसर प्रदान करवाता है। अतः अपने कम्फर्ट जोन से निकले और विदेश से कोई न कोई कोर्स जरूर करे। आजकल दुनिया के बहुत सारे विश्वविद्यालय व सरकार पढ़ने के लिए सहायता प्रदान करती है, स्कॉलरशिप देते है। ऐसे ही किसी मौक़े का फायदा उठाये और पढ़ने के साथ-साथ दुनिया की संस्कृति व ख़ूबसूरती को देखने का अवसर पाये।
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