लक्ष्य स्वंय सेवक (कार्यकर्त्ता)
लक्ष्य स्वयं सेवकों का यही एक सपना।
बने कार्यकर्ता ,जगे धर्म अपना।।
कोई मुक्त मौजी, कोई हो मानसेवी ।
कोई क्रोध कर्मी, कोई शांति भावी।
सबका मित्र बनकर ,करें काम मिलकर।।
कोई हो नवागत ,तो कोई पुराना ।
बने कार्यकर्ता, जगे धर्म अपना।।
बने कार्यकर्ता ,जगे धर्म अपना।।।
न पूर्वाग्रही, न हो आत्म भावी।
हृदय मन खुला हो ,विवेकी स्वाभिमानी।।
विचारों में स्थिरता, वचन में मधुरता।
पराओ अपनों की, निंदा से बचना ।।
उमंगी रहे हम ,उमंगी हो साथी।
गति भी रहे ,आपस में लखाती ।।
अकेले ना हो हम, यही ध्यान रखना।
कदम से कदम को, मिलाकर ही चलना ।।
बने कार्यकर्ता, जगे धर्म अपना।
लक्ष्य स्वयं सेवकों का, यही सपना।
बने कार्यकर्ता ,जगे धर्म अपना।।
चिंतन हमारा ,सदा दूरगामी ।
मगर कार्यशैली हो, एक एक कदमी ।
सभी काम हो भारी, परिणाम कारी।।
सफलता मिलेगी ,यही भाव भरना।
बने कार्यकर्ता ,जगे धर्म अपना ।
वचन, मननऔर अनुभव कथन से ।।
रखें अद्यतन ज्ञान, बौद्धिक जतन से।।
सदा स्वस्थ हो हम, रहे व्यस्त भी हम ।
समय दान क्षमता ,बढ़ाते ही रहना।।
बने कार्यकर्ता ,जगे धर्म अपना ।
लक्ष्य स्वंय सेवकों का ,यही एक सपना ।।
स्वामी ब्रंहानंद जी अमर रहे अमर रहे।।
चलो गांव की ओर, शिक्षा की अलख जगाने ।।
स्वामी ब्रंहानंद जी अमर रहे अमर रहे।।
वीरांगना रानी अबंतीबाई अमर रहे ।।
शहीद गुलाब सिंह, शहीद किशोर सिंह।
अमर रहे अमर रहे अमर रहे।।
राजा हिरदे शाह ,अमर रहे अमर रहे ।।
लोधेश्वर भगवान,की जय ।
भारत माता की जय ।
भारत माता की जय।।
वंदे मातरम् ,वंंदे मातरम् ।।
सभी लक्ष्य स्वंय सेवक कार्यक्रम प्रारंभ होने के पूर्व इसे लय के साथ गायेंगे।। एक स्वंय सेवक गायेंगे, सभी उसे दुहरायेगे ।।
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