Saturday, March 28, 2020

लक्ष्य के राष्ट्रीय संयोजक अमर पाल सिंह लोधी जी ने लॉक डाउन की बजह से फंसे लोगों को सहायता पहुंचाने के लिए जारी की वॉलिंटियर्स की सूची...

देश में अलग अलग जगहों पर फंसे  लोग अमर पाल सिंह लोधी(IRS, अतिरिक्त निजी सचिव केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री, भारत सरकार) के साथ इन वालंटियर्स से भी सम्पर्क कर सकते हैं। आपकी पूरी सहायता की जाएगी। आपसे निवेदन है कि आप जहां हैं अभी वहीं रहें।
90123 93483
🙏🙏🙏🙏🙏
वालंटियर्स की सूची--
1- राघवेंद्र प्रताप सिंह लोधी मैनपुरी 9412608706
2-धर्मेंद्र सिंह झांसी 8858699507
3- हेमन्त वर्मा इंदौर  9826054255
4- शिव शंकर राजपूत लखनऊ
9695948889
5- पुष्पेंद्र कुमार अलीगढ़
8802414521
6- विवेक राजपूत कानपुर देहात
7084766772
7- शुभम सिंह राजपूत
बाराबंकी 8172889751
8- गौरव राजपूत दिबियापुर
 औरैया
8279689178
9- सचिन लोधी फिरोजाबाद
8859507928
10- उमा शंकर राजपूत लखनऊ9140101966
11- यतेंद्र राजपूत गाज़ियाबाद 8860894565
12- हेमन्त राजपूत शिकोहाबाद
9997880521
13- राजेश राजपूत नोएडा
8802065992
14- प्रशांत कुमार लोधी 8750434202
लाल कुआं, गाज़ियाबाद
15- भरत भैया लोधी कुटवारा
शिवपुरी मध्य प्रदेश
9981279227
16- राकेश राजपूत9719154133 मीरगंज बरेली
17-रवि राजपूत मथुरा
7017141863
18- लाखनसिंह लोधी, फरीदाबाद
8860207699, 9868341355
19- लोधी देवेश राजपूत तिर्वा कन्नौज 7651920660
20- नटवरसिंह एल आर राजस्थान
9001957478
21-  लोधी नितेश राजपूत 9719659015 दिबियापुर औरैया
22- अमन वर्मा परी चौक ग्रेटर नोएडा 9149386480
23- कुलदीप लोधी उन्नाव 9519032777
24-उदय सिंह लोधी ग्वालियर  94363 55274
25- लोधी सूरज राजपूत 9161433067
26- इंजीनियर रवि लोधी ग्रेटर नोएडा 8979446666
27- लोधी अनुराज राजपूत कानपुर/हरदोई 9415903353
28- लोधी शैलेन्द्र राजपूत कानपुर नगर/ कानपुर देहात 8953096666

Thursday, March 19, 2020

लोधी समाज की कुलदेवी मां वीरांगना अवन्ती बाई लोधी का सम्पूर्ण जीवन परिचय....



प्रथम स्वाधीनता संग्राम की अग्रणी प्रणेता अमर शहीद वीरांगना महारानी अवन्तीबाई लोधी जी के बलिदान दिवस(20 मार्च) पर उनके श्री चरणों में कोटि-कोटि नमन।।वंदन।।।


जीवन परिचय-

रानी अवंतीबाई लोधी क्षत्राणी भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली प्रथम महिला शहीद वीरांगना थीं। 1857 की क्रांति में रामगढ़ की रानी अवंतीबाई रेवांचल में मुक्ति आंदोलन की सूत्रधार थी। 1857 के मुक्ति आंदोलन में इस राज्य की अहम भूमिका थी, जिससे भारत के इतिहास में एक नई क्रांति आई। 1817 से 1851 तक रामगढ़ राज्य के शासक लक्ष्मण सिंह थे। उनके निधन के बाद विक्रमाजीत सिंह ने राजगद्दी संभाली। उनका विवाह बाल्यावस्था में ही मनकेहणी के जमींदार राव जुझार सिंह की कन्या अवंतीबाई से हुआ। विक्रमाजीत सिंह बचपन से ही वीतरागी प्रवृत्ति के थे अत: राज्य संचालन का काम उनकी पत्नी रानी अवंतीबाई ही करती रहीं। उनके दो पुत्र हुए-अमान सिंह और शेर सिंह। अंग्रेजों ने तब तक भारत के अनेक भागों में अपने पैर जमा लिए थे जिनको उखाड़ने के लिए रानी अवंतीबाई ने क्रांति की शुरुआत की और भारत में पहली महिला क्रांतिकारी रामगढ़ की रानी अवंतीबाई ने अंग्रेजों के विरुद्ध ऐतिहासिक निर्णायक गोरिल्ला युद्ध किया जो भारत की आजादी में बहुत बड़ा योगदान है जिससे रामगढ़ की रानी अवंतीबाई उनका नाम पूरे भारत मैं अमरशहीद वीरांगना रानी अवंतीबाई के नाम से प्रसिद्ध है
रानी अवंतीबाई (प्रथम महिला शहीद)(16 अगस्त 1831 - 20 मार्च 1858)
जन्मस्थल :ग्राम मनकेड़ी, जिला सिवनी, मध्य प्रदेशमृत्युस्थल:देवहारगढ़, मध्य प्रदेशआन्दोलन:भारतीय स्वतंत्रता संग्राम

*कोर्ट ऑफ वार्ड्स* (1853)
रामगढ़ के राजा विक्रमाजीत सिंह को विक्षिप्त तथा अमान सिंह और शेर सिंह को नाबालिग घोषित कर रामगढ़ राज्य को हड़पने की दृष्टि से अंग्रेज शासकों ने "कोर्ट ऑफ वार्ड्स" की कार्यवाही की एवं राज्य के प्रशासन के लिए सरबराहकार नियुक्त कर शेख मोहम्मद तथा मोहम्मद अब्दुल्ला को रामगढ़ भेजा।" जिससे रामगढ़ रियासत "कोर्ट ऑफ वार्ड्स" के कब्जे में चली गयी। अंग्रेज शासकों की इस हड़प नीति का परिणाम भी रानी जानती थी, फिर भी दोनों सरबराहकारों को उन्होंने रामगढ़ से बाहर निकाल दिया। 1855 ई. में राजा विक्रमादित्य सिंह की एक दुर्घटना में मृत्यु हो गयी। अब नाबालिग पुत्रों की संरक्षिका के रूप में राज्य शक्ति रानी के हाथों आ गयी। रानी ने राज्य के कृषकों को अंग्रेजों के निर्देशों को न मानने का आदेश दिया, इस सुधार कार्य से रानी की लोकप्रियता बढ़ी

*छेत्रिय सम्मेलन* (मई 1857)
1857 ईस्वी में सागर एवं नर्मदा परिक्षेत्र के निर्माण के साथ अंंग्रेजों की शक्ति में वृद्धि हुई। अब अंग्रेजों को रोक पाना किसी एक राजा या तालुकेदार के वश का नहीं रहा। रानी ने राज्य के आस-पास के राजाओं, परगनादारों, जमींदारों और बड़े मालगुजारों का विशाल सम्मेलन रामगढ़ में आयोजित किया, जिसकी अध्यक्षता गढ़ पुरवा के राजा शंकरशाह ने की। इस गुप्त सम्मेलन के बारे में जबलपुर के कमिश्नर मेजर इस्काइन और मण्डला के डिप्टी कमिश्नर वाडिंग्टन को भी पता नहीं था। गुप्त सम्मेलन में लिए गए निर्णय के अनुसार प्रचार का दायित्व रानी पर था। एक पत्र और दो काली चूड़ियों की एक पुड़िया बनाकर प्रसाद के रूप में वितरित करना। पत्र में लिखा गया- "अंग्रेजों से संघर्ष के लिए तैयार रहो या चूड़ियां पहनकर घर में बैठो।" पत्र सौहार्द और एकजुटता का प्रतीक था तो चूड़ियां पुरुषार्थ जागृत करने का सशक्त माध्यम बनी। पुड़िया लेने का अर्थ था अंग्रेजों के विरुद्ध क्रांति में अपना समर्थन देना।

*क्रांति का प्रारम्भ*

देश के कुछ क्षेत्रों में क्रांति का शुभारम्भ हो चुका था। 1857 में 52वीं देशी पैदल सेना जबलपुर सैनिक केन्द्र की सबसे बड़ी शक्ति थी। 18 जून को इस सेना के एक सिपाही ने अंग्रेजी सेना के एक अधिकारी पर घातक हमला किया। जुलाई 1857 में मण्डला के परगनादार उमराव सिंह ठाकुर ने कर देने से इनकार कर दिया और इस बात का प्रचार करने लगा कि अंग्रेजों का राज्य समाप्त हो गया। अंग्रेज, विद्रोहियों को डाकू और लुटेरे कहते थे। मण्डला के डिप्टी कमिश्नर वाडिंग्टन ने मेजर इस्काइन से सेना की मांग की। पूरे महाकौशल क्षेत्र में विद्रोहियों की हलचलें बढ़ गईं। गुप्त सभाएं और प्रसाद की पुड़ियों का वितरण चलता रहा। इस बीच राजा शंकरशाह और राजकुमार रघुनाथ शाह को दिए गए मृत्युदण्ड से अंग्रेजों की नृशंसता की व्यापक प्रतिक्रिया हुई। वे इस क्षेत्र के राज्यवंश के प्रतीक थे। इसकी प्रथम प्रतिक्रिया रामगढ़ में हुई। रामगढ़ के सेनापति ने भुआ बिछिया थाना में चढ़ाई कर दी। जिससे थाने के सिपाही थाना छोड़कर भाग गए और विद्रोहियों ने थाने पर अधिकार कर लिया। रानी के सिपाहियों ने घुघरी पर चढ़ाई कर उस पर अपना अधिकार कर लिया और वहां के तालुकेदार धन सिंह की सुरक्षा के लिए उमराव सिंह को जिम्मेदारी सौंपी। रामगढ़ के कुछ सिपाही एवं मुकास के जमींदार भी नारायणगंज पहुंचकर जबलपुर-मण्डला मार्ग को बंद कर दिया। इस प्रकार पूरा जिला और रामगढ़ राज्य में विद्रोह भड़क चुका था और वाडिंग्टन विद्रोहियों को कुचलने में असमर्थ हो गया था। वह विद्रोहियों की गतिविधियों से भयभीत हो चुका था।

*खैरी युद्ध* (23 नवंबर 1857)
मण्डला नगर को छोड़कर पूरा जिला स्वतंत्र हो चुका था। अवंती बाई ने मण्डला विजय के लिए सिपाहियों सहित प्रस्थान किया। रानी की सूचना प्राप्त होने पर शहपुरा और मुकास के जमींदार भी मण्डला की और रवाना हुए। मण्डला पहुंचने के पूर्व खड़देवरा के सिपाही भी रानी के सिपाहियों से मिल गए। खैरी के पास अंग्रेज सिपाहियों के साथ अवंती बाई का युद्ध हुआ। वाडिंग्टन पूरी शक्ति लगाने के बाद भी कुछ न कर सका और मण्डला छोड़ सिवनी की ओर भाग गया। इस प्रकार पूरा मण्डला जिला एवं रामगढ़ राज्य स्वतंत्र हो गया। इस विजय के उपरांत आन्दोलनकारियों की शक्ति में कमी आ गई, किन्तु उल्लास में कमी नहीं आयी। रानी रामगढ़ वापस हो गईं।

*घुघरी में अंग्रेजों का नियंत्रण*
वाडिंग्टन ने फिर से रामगढ़ के लिए प्रस्थान किया। इसकी जानकारी रानी को मिल गई। रामगढ़ के कुछ सिपाही घुघरी के पहाड़ी क्षेत्र में पहुंचकर अंग्रेजी सेना की प्रतीक्षा करने लगे। लेफ्टिनेंट वर्टन के नेतृत्व में नागपुर की सेनाएं बिछिया विजय कर रामगढ़ की ओर बढ़ रही हैं, इसकी जानकारी वाडिंग्टन को थी, अत: वाडिंग्टन घुघरी की ओर बढ़ा। 15 जनवरी 1858 को घुघरी पर अंग्रेजों का नियंत्रण हो गया।

Thoughts of the day...


जब तुम पैदा हुए थे तो तुम रोए थे जबकि पूरी दुनिया ने जश्न मनाया था| अपना जीवन ऐसे जियो कि तुम्हारी मौत पर पूरी दुनिया रोए और तुम जश्न मनाओ |

Wednesday, March 18, 2020

लक्ष्य टेक्निकल टीम की शानदार पहल


#एक पहल समाज के युवाओं के रोजगार की ओर
हमारे समाज के टेक्निकल टीम के सदस्यों की तरफ से बढ़ाया गया कदम
कंप्यूटर से संबंधित नौकरी के
लिए बलबीर जी से संपर्क करे
9899544104
#ᴇʀ. ʀᴀᴠɪ ᴋᴜᴍᴀʀ sɪɴɢʜ
##ᴍʀ. ʙᴀʟᴠᴇᴇʀ ᴊɪ
ᴀɴᴅ ᴛʜᴀɴᴋs ᴛᴏ ᴀʟʟ ʟᴀᴋᴀʜʏᴀ ᴛᴇᴄʜɴɪᴄᴀʟ ᴛᴇᴀᴍ ᴍᴇᴍʙᴇʀs ᴛᴏ ᴍᴏᴛɪᴠᴀᴛᴇ ᴀɴᴅ sᴜᴘᴘᴏʀᴛ ᴏᴜʀ ᴄᴏᴍᴍᴜɴɪᴛʏ #####

Monday, March 16, 2020

UPSC क्या है...


UPSC(Union public service commison) यानी हिंदी में कहे तो #संघ_लोक_सेवा_आयोग
इसका का गठन आजादी से पहले 1 अक्तूबर 1926 को लोक सेवा आयोग नाम से हुआ था| लेकिन सवैधानिक प्रावधानों के तहत 26 अक्तूबर 1950 लोक सेवा आयोग का पुनर्निर्माण हुआ|

जिसका नाम संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) रखा गया| इस आयोग को  अनुछेद 315 के तहत सवैंधानिक दर्जा(मान्यता) प्रदान की गई है |

यह commison(upsc) लगभग 13 प्रकार के exam का आयोजन करता

जैसे:- ICS(indian civil service)
IES (indian Engineering Services),NDA,INA,CDS,CAPF और भी है लेकिन उसका चर्चा यहाँ नही करेंगे...

UPSC द्वारा आयोजित इन सभी exam में सर्वश्रेष्ठ exam है..जिसकी हमलोग तैयारी कर रहे है इसे ICS(indian civil service) यानी  हिंदी में भारतीय सिविल सेवा परीक्षा कहा जाता है.. इसके तहत  24 तरह की service के लिए selection होता है..जिसमे सबसे टॉप post/service आईएएस (IAS) होता है.. कोई जरूरी नही की आप इस exam को पास कर सीधे IAS बन जायेंगे.. आप अपने rank/perfomance के आधार नीचे दिए गए 24 सेवाओं में किसी के लिए भी चयन किये जा सकते है..

(i) Indian Administrative Service.
(ii) Indian Foreign Service.
(iii) Indian Police Service.
(iv) Indian P & T Accounts & Finance Service, Group ‘A’.
(v) Indian Audit and Accounts Service, Group ‘A’.
(vi) Indian Revenue Service (Customs and Central Excise), Group ‘A’.
(vii) Indian Defence Accounts Service, Group ‘A’.
(viii) Indian Revenue Service (I.T.), Group ‘A’.
(ix) Indian Ordnance Factories Service, Group ‘A’ (Assistant Works Manager, Administration).
(x) Indian Postal Service, Group ‘A’.
(xi) Indian Civil Accounts Service, Group ‘A’.(xii) Indian Railway Traffic Service, Group ‘A’.
(xiii) Indian Railway Accounts Service, Group 'A'.
(xiv) Indian Railway Personnel Service, Group ‘A’.
(xv) Post of Assistant Security Commissioner in Railway Protection Force, Group ‘A’
(xvi) Indian Defence Estates Service, Group ‘A’.
(xvii) Indian Information Service (Junior Grade), Group ‘A’.
(xviii) Indian Trade Service, Group 'A' (Gr. III)
.(xix) Indian Corporate Law Service, Group "A".
(xx) Armed Forces Headquarters Civil Service, Group ‘B’ (Section Officer’s Grade).(xxi) Delhi, Andaman & Nicobar Islands, Lakshadweep, Daman & Diu and Dadra & NagarHaveli Civil Service, Group 'B'.
(xxii) Delhi, Andaman & Nicobar Islands, Lakshadweep, Daman & Diu and Dadra & NagarHaveli Police Service, Group 'B'.
(xxiii) Pondicherry Civil Service, Group 'B'.(xxiv) Pondicherry Police Service, Group ‘B

चलिए अब हम बात करते है इसकी योग्यता और attempt के बारे में..

योग्यता:-
इसके लिए आपको विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (U.G.C) की धारा 1956, द्वारा मान्यता प्राप्त, किसी भी university से graduate होना चाहिए.. इस exam के लिए graduation का subject matter नही करता की आप आर्ट्स से किये है science से.... upsc के फॉर्म भरने के लिए बस आपके  पास valid बैचलर डिग्री(बी.टेक/BA/BSC/BCOM)  होना चाहिए....graduation अंतिम वर्ष के छात्र भी इस फॉर्म को भर सकते है

★अगर age की बात करे तो
♠Age Limit: आवेदक की न्यूनतम आयु 21 वर्ष की होनी चाहिए और अधिकतम 32 वर्ष की उम्र से अधिक नहीं होनी चाहिए।हालांकि विकलांग अभ्यार्थी और सैन्य परिवार तथा पिछड़े वर्ग के व्यक्ति के लिए उम्र सीमा में छूट दी जाती है...

NOTE:- उम्र की गिनती अगस्त माह तक की जाती है

♠परीक्षा में #attempt की संख्या:- ओपन श्रेणी 6 प्रयास, ओबीसी श्रेणी के लिए 9 प्रयासों और अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार के लिए कोई सीमा नहीं है।.....

💐फार्म_सम्बंधित_जानकारी

सामान्यतः UPSC(civil service) का notification feb-march में आता है और pre exam जून में होता है ..फिर pre quallify करने के बाद मुख्य परीक्षा के लिए एक फार्म भरा जाता है जिसे DAF कहा जाता है ..interview में इसी DAF फार्म में जो आप अपने बारे में जो भरते है उसी सम्बंधित शुरूआती प्रश्न पूछे जाते हैं....

इसकी मुख्य परीक्षा october-november में होती है ..interview मार्च_अप्रैल में लेकर final परिणाम मई_जून में जारी कर दिया जाता है...

#form_कैसे_भरे ?★★

सर्वप्रथम आप..एक से अधिक आवदेन देने से बचें।
Pre का फॉर्म भरते समय आपसे  आपका centre choice , mains किस माध्यम से देना है..mains में optional sub क्या लेना है ? Etc भरना होता है..फार्म में सही विवरण दें। क्योकि बाद में सुधार नही कर सकते है ..साथ ही आवेदन करते समय अपना सही ई-मेल आईडी साथ रखें।

★●● #Exam_syllabus

इस परीक्षा को पास करने के लिए आपको तीन चरण पास करने होते है पहला है Preliminary Exam(इसका अंक मेरिट में नही जुड़ता )
 दूसरा है Mains Exam और तृतीय हैInterview / Personality Test

Syllabus के बारे में यहाँ ज्यादा आपसे जिक्र नही करूँगा! Syllabus की जानकारी.. मै पहले की पोस्ट मे बता चुका हूं... आगे भी सिलेबस चर्चा जारी रहेगी...

Syllabus को deeply समझना सबसे जरूरी चीज है क्योकि syllabus को जितना बेहतर से आप समझ कर उसके according तैयारी करेंगे उतना ही आपकी success का chance ज्यादा होगा ! .

इसका syllabus कोई छोटा-मोटा नही होता है.. इसकी गहरी समझ बेहतर न होने के कारण  काफी Aspirant गलत दिशा में मेहनत करने लगते है. है..उनको यह पता नही होता है की किस खण्ड से ज्यादा प्रश्न पूछे जाते है किस खण्ड से कम.. आप चाहे तो syllabus को खंड-खंड में अच्छे से बाटे,साथ ही उस खण्ड में यह भी mention कर दे की इस खंड से pre और mains में कितने अंक के प्रश्न आते है ..और इसको तैयार करके आप अपने study room में चिपका भी सकते है

आप सबसे एक छोटी सी request है पोस्ट पढ़ने के बाद like और share जरूर कर दें

#All_the_best...
धन्यवाद मित्रगण 🙏🙏👍👍

Sunday, March 15, 2020

रजपुरा धाम भिंड में स्वामी केशवानंद जी के दरबार में लक्ष्य टीम

श्री श्री 1008 श्री केशवानंद जी महाराज रजपुरा धाम भिंड में महाशिवरात्रि के अवसर पर लक्ष्य द्वारा सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया , कार्यक्रम प्रारम्भ होने से पहले लक्ष्य के राष्ट्रीय संयोजक IRS अधिकारी श्री अमर पाल सिंह लोधी( निजी सचिव केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री) जी के साथ लक्ष्य मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष श्री ओ. पी. नरवरिया जी,लक्ष्य सेवक लोधी नितेश राजपूत जी, लक्ष्य सेवक और समाजवादी पार्टी इटावा के जिला उपाध्यक्ष श्री अवनीश राजपूत जी, अखिल भारतीय लोधी महासभा इटावा के जिला अध्यक्ष एडवोकेट पवन वर्मा जी, नवोदय विद्यालय फिरोजाबाद के प्रवक्ता और लक्ष्य सेवक डॉ. जितेंद्र राजपूत जी, तिर्वा कन्नौज से सक्रिय लक्ष्य सेवक अशोक राजपूत जी और सभी जगहों से आये लक्ष्य सेवकों और समाजसेवियों ने स्वामी जी के दर्शन किये और प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की......

Saturday, March 14, 2020

21,22 मार्च राष्ट्रीय अधिवेशन स्थगित के संबंध में

कोराना वायरस संक्रमण के खतरे को देखते हुए, सुरक्षा कारणों से लक्ष्य राष्ट्रीय अधिवेशन एवं प्रशिक्षण शिविर 21 22 मार्च राजघाट डिबाई बुलंदशहर स्थगित करने का निर्णय लिया गया है।

आप सभी को हुई असुविधा के लिए खेद है।

Friday, March 13, 2020


लक्ष्य स्वंय सेवक गान

लक्ष्य स्वंय सेवक (कार्यकर्त्ता)
लक्ष्य स्वयं सेवकों का यही एक सपना।
बने कार्यकर्ता ,जगे धर्म अपना।।
 कोई मुक्त मौजी, कोई हो मानसेवी ।
 कोई क्रोध कर्मी, कोई शांति भावी।
 सबका मित्र बनकर ,करें काम मिलकर।।
 कोई हो नवागत ,तो कोई  पुराना ।
बने कार्यकर्ता, जगे धर्म अपना।।
 बने कार्यकर्ता ,जगे धर्म अपना।।।
 न पूर्वाग्रही, न हो आत्म भावी।
 हृदय मन खुला हो ,विवेकी स्वाभिमानी।।
 विचारों में स्थिरता, वचन में मधुरता।
 पराओ अपनों की, निंदा से बचना ।।
उमंगी रहे हम ,उमंगी हो साथी।
 गति भी रहे ,आपस में लखाती ।।
 अकेले ना हो हम, यही ध्यान रखना।
 कदम से कदम को, मिलाकर ही चलना ।।
बने कार्यकर्ता, जगे धर्म अपना।

लक्ष्य  स्वयं सेवकों का, यही सपना।
 बने कार्यकर्ता ,जगे धर्म अपना।।
 चिंतन हमारा ,सदा दूरगामी ।
 मगर कार्यशैली हो, एक एक कदमी ।
सभी काम हो भारी,  परिणाम कारी।।
 सफलता मिलेगी ,यही भाव भरना।
 बने कार्यकर्ता ,जगे धर्म अपना ।
वचन, मननऔर अनुभव कथन से ।।
रखें अद्यतन ज्ञान, बौद्धिक जतन से।।
 सदा स्वस्थ हो हम, रहे व्यस्त भी हम ।
समय दान क्षमता ,बढ़ाते ही रहना।।
 बने कार्यकर्ता ,जगे धर्म अपना ।
लक्ष्य स्वंय सेवकों का ,यही एक सपना ।।

स्वामी ब्रंहानंद जी अमर रहे अमर रहे।।
चलो गांव की ओर, शिक्षा की अलख जगाने ।।
स्वामी ब्रंहानंद जी अमर रहे अमर रहे।।
वीरांगना रानी अबंतीबाई अमर रहे ।।
शहीद गुलाब सिंह, शहीद किशोर सिंह।
 अमर रहे अमर रहे अमर रहे।।
राजा हिरदे शाह ,अमर रहे अमर रहे ।।
लोधेश्वर भगवान,की जय ।
भारत माता की जय ।
भारत माता की जय।।
वंदे मातरम् ,वंंदे मातरम् ।।
सभी लक्ष्य स्वंय सेवक कार्यक्रम प्रारंभ होने के पूर्व इसे लय के साथ गायेंगे।। एक स्वंय सेवक गायेंगे, सभी उसे दुहरायेगे ।।